सवालों का सैलाब
बहा
और हम गए
नहा
क्यों , कब , कैसे
किसलिए ,वैसे
कई प्रश्नों
को
हमने
पल्लू से
झटकार
दिया
कई दुविधाओं
को बालू
सा
झाड़ दिया
समंदर में गोते
खाने
की किस्मत
हर
किसी की
होती कहाँ
सूखे साफ़ सुथरे
कपडे वालों
को
मौज
दिखती कहाँ
बहा
और हम गए
नहा
क्यों , कब , कैसे
किसलिए ,वैसे
कई प्रश्नों
को
हमने
पल्लू से
झटकार
दिया
कई दुविधाओं
को बालू
सा
झाड़ दिया
समंदर में गोते
खाने
की किस्मत
हर
किसी की
होती कहाँ
सूखे साफ़ सुथरे
कपडे वालों
को
मौज
दिखती कहाँ
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