तथागत
सब पार
कर
चुके जो
दरियाओं
का सीना
चीर
चुके जो
हर
ग़लती को सही
करता है
जो
हर शोर
पर
सन्नाटे
की मुहर
लगाए
जो
हर
फड़फड़ाती
तमन्ना
तमाम
कर दे
जो
जीने की जल्दी
कहीं तो
रुक
जाओ
ओ
द्रुतगमन
वाले
पथिक
हर
किसी
की
रफ़्तार
तुम्हारी सी
नहीं होती
कहीं तो
जाकर
थकोगे
कहीं तो
जाकर
थमोगे
इस बात
को गौर कर
लो
कि
हर जगह
ठौर
नहीं होती।
सब पार
कर
चुके जो
दरियाओं
का सीना
चीर
चुके जो
हर
ग़लती को सही
करता है
जो
हर शोर
पर
सन्नाटे
की मुहर
लगाए
जो
हर
फड़फड़ाती
तमन्ना
तमाम
कर दे
जो
जीने की जल्दी
कहीं तो
रुक
जाओ
ओ
द्रुतगमन
वाले
पथिक
हर
किसी
की
रफ़्तार
तुम्हारी सी
नहीं होती
कहीं तो
जाकर
थकोगे
कहीं तो
जाकर
थमोगे
इस बात
को गौर कर
लो
कि
हर जगह
ठौर
नहीं होती।
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