बेबसी
हर वक़्त
अपने आप
काल्पनिक
चिंताओं
से इतने
बुरी तरह
ग्रसित
किसी इंसान
को बहुत
कम
देखा है।
दुःस्वप्नों
से घिरे
किसी
आत्मा
को बेवजह
तड़पते
बहुत कम
जाना है।
सदियों पुरानी
यादों के
बवंडर में
खोये
किसी
मन को
आज तक
बिलखते
बहुत कम
देखा है।
अपने मन
के खाई
के अँधेरे
में
अपने आप
का गला
घोटते
दम घुटते
बहुत कम
देखा
है।
खुद के लिए
इतनी
मानसिक
यातनाएं
रचते
हुए
किसी को
बहुत कम
देखा
है।
खुद
में इतना
विलुप्त
होकर भी
खुद से इतनी
नफरत
बहुत कम
देखा है।
हर वक़्त
अपने आप
काल्पनिक
चिंताओं
से इतने
बुरी तरह
ग्रसित
किसी इंसान
को बहुत
कम
देखा है।
दुःस्वप्नों
से घिरे
किसी
आत्मा
को बेवजह
तड़पते
बहुत कम
जाना है।
सदियों पुरानी
यादों के
बवंडर में
खोये
किसी
मन को
आज तक
बिलखते
बहुत कम
देखा है।
अपने मन
के खाई
के अँधेरे
में
अपने आप
का गला
घोटते
दम घुटते
बहुत कम
देखा
है।
खुद के लिए
इतनी
मानसिक
यातनाएं
रचते
हुए
किसी को
बहुत कम
देखा
है।
खुद
में इतना
विलुप्त
होकर भी
खुद से इतनी
नफरत
बहुत कम
देखा है।
No comments:
Post a Comment