बारिश
कल शाम
बहुत देर तक
काफी बारिश
हुई
ओले भी पड़े
पर मजाल
है कि
हम छतरी
लगायें
क्योंकि
हमने तय
कर लिया
था
की इस बार
हम छलनी
नहीं
होंगे।
हमें नाज़
है
अपनी मोटी
चमड़ी पर।
सब झेल
गए
हम मानों
घास हों
बिछी
धरती पर।
कल शाम
बहुत देर तक
काफी बारिश
हुई
ओले भी पड़े
पर मजाल
है कि
हम छतरी
लगायें
क्योंकि
हमने तय
कर लिया
था
की इस बार
हम छलनी
नहीं
होंगे।
हमें नाज़
है
अपनी मोटी
चमड़ी पर।
सब झेल
गए
हम मानों
घास हों
बिछी
धरती पर।
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