आज हमें फेसबुक पर
मिला एक ऐसा ऑफर
कहते हैं करो सफर
यत्र तत्र अपने शहर
शौक से मिठाई भोजन
का तुम करो सेवन
सिर्फ पैसे चुकाना हमें तुम
न एटीएम बल्कि पे टी म
हम बड़े खुश हुए
मोगाम्बो से हँसते हुए
हमने क्लिक किया कलकत्ता
देख सुन , पढ़ कर हमें लगा पता
की यहाँ तो काफी है गोरख धंधा
सारी पेज को गंगूराम ने ख़रीदा
मिठाई सारी महँगी निकली
तो नमकीन की तरफ नज़र की
पता चला यहाँ भी दाल नहीं गली
बिक चुकी थी झालमुरी ,सेव वाली
एक दो के टॉप दुकानों ने आम
बन्दों की बंद कर दी थी दूकान
कहाँ चले थे सन्देश खाने
हाथ भी न लगे चार दाने
रसगुल्ले, लेडीकेनी, से मायूस होकर
हम ने रुख किया लखनऊ की ओर
सोचा नवाबों के शहर को बखशा होगा
कहीं तो टुंडे कबाब अभी भी मिलता होगा
कोई इमरती , कोई पान नहीं छोड़ा
हमारे उम्मीदों के घड़ों को जबरन तोडा
पुणे की गलियों की फारसान गायब
मुम्बई का बॉम्बे डक का दो हिसाब
ओ फेसबुक पेज बनाने वाले
ऊपरवाला देखता है साले
कोई तो धर्म कर, थोड़ी तो शर्म कर
केरल के चिप्स का दाम कम कर
कुछ आम चीज़ों , आम दुकानों
का नाम लिख डाल , अपने अपनों
पर रहम करो, हमारे कड़की पर
थोड़ा तो हो मीठे स्वाद का असर।
मिला एक ऐसा ऑफर
कहते हैं करो सफर
यत्र तत्र अपने शहर
शौक से मिठाई भोजन
का तुम करो सेवन
सिर्फ पैसे चुकाना हमें तुम
न एटीएम बल्कि पे टी म
हम बड़े खुश हुए
मोगाम्बो से हँसते हुए
हमने क्लिक किया कलकत्ता
देख सुन , पढ़ कर हमें लगा पता
की यहाँ तो काफी है गोरख धंधा
सारी पेज को गंगूराम ने ख़रीदा
मिठाई सारी महँगी निकली
तो नमकीन की तरफ नज़र की
पता चला यहाँ भी दाल नहीं गली
बिक चुकी थी झालमुरी ,सेव वाली
एक दो के टॉप दुकानों ने आम
बन्दों की बंद कर दी थी दूकान
कहाँ चले थे सन्देश खाने
हाथ भी न लगे चार दाने
रसगुल्ले, लेडीकेनी, से मायूस होकर
हम ने रुख किया लखनऊ की ओर
सोचा नवाबों के शहर को बखशा होगा
कहीं तो टुंडे कबाब अभी भी मिलता होगा
कोई इमरती , कोई पान नहीं छोड़ा
हमारे उम्मीदों के घड़ों को जबरन तोडा
पुणे की गलियों की फारसान गायब
मुम्बई का बॉम्बे डक का दो हिसाब
ओ फेसबुक पेज बनाने वाले
ऊपरवाला देखता है साले
कोई तो धर्म कर, थोड़ी तो शर्म कर
केरल के चिप्स का दाम कम कर
कुछ आम चीज़ों , आम दुकानों
का नाम लिख डाल , अपने अपनों
पर रहम करो, हमारे कड़की पर
थोड़ा तो हो मीठे स्वाद का असर।
No comments:
Post a Comment