Wednesday, 9 November 2016

Doomsday

काल रात्रि
प्रकोप रात्रि
प्रचंड कोप
महा प्रकोप। 

शब्द मात्र
भिक्ष पात्र
अरण्य देव रक्षामः
भूमि देव रक्षामः

अकाल युग
कल्कि युग
मति भ्रष्ट
भक्षक रक्षक।

तीव्र ज्वाला
भस्म विकराला
माह काल
विछुब्ध पल। 

No comments:

Post a Comment